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शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

विषय :- हिन्दी । रचनाकार :- आ डा. राम कुमार झा "निकुंज" जी 🏅🏆🏅

💐🙏#कलम ✍ बोलती है साहित्य समूह🙏💐
#दिनांकः ११-०१-२०२१
#दिवसः मंगलवार
#विधाः चौपाई
#विषयः विश्व हिन्दी दिवस 
#शीर्षकः हम भारत की शान है हिन्दी
           हम भारत की शान है हिन्दी,
           राजभाष प्रतिमानक हिन्दी।                                      
           भारत मान धरोहर हिन्दी, 
           भाल वतन है बिंदी हिन्दी।
सरल सुबोधा अधिगम हिन्दी, 
सब जन भावन पावन हिन्दी।
राष्ट्र धरोहर मानक हिन्दी,  
संविद अनुपम अविरल हिन्दी ।
         ज्ञान शास्त्र नियोजित हिन्दी,
         रचना भाव विचारक हिन्दी।
         संस्कृत जात सुसंस्कृत हिन्दी, 
         नवरस छन्द समाहित हिन्दी। 
देश विदेशज निमज्जित हिन्दी, 
समता ममता युक्ता हिन्दी।
उर्दू शब्द सुसज्जित हिन्दी
तत्सम पद जनभावक हिन्दी।    
          मधुर चारु नवगीता हिन्दी, 
          बन्धुत्व राष्ट्र विधायक हिन्दी।
          जनगण चित्त विधायक हिन्दी,
          नवनीत मृदुल नायक हिन्दी।  
भीता भारत जनता हिन्दी, 
अंग्रेज तंत्र षड्यंत्रित हिन्दी।
भाषा भेद तिरोहित हिन्दी, 
अंग्रेजी अपमानित हिन्दी ।
         राय, चौधरी ताड़ित हिन्दी, 
         देशद्रोही परिताड़ित हिन्दी।
         भाषा विभेद सीदित हिन्दी
         अंग्रेजों से परिताड़ित हिन्दी । 
ब्रिटेन शासित देश दलाली, 
राष्ट्रभाष परिभाषा बदली।
हिन्दी पढ़ क्या उन्नति होगी
छोड़ो हिन्दी पढ़ अंग्रेजी।
         दुर्गति कारण राष्ट्रविरोधी, 
         व्यक्तित्व निखरता अंग्रेजी।
         आहें घर अवसादित हिन्दी, 
        जन अभिनन्दित भाषा हिन्दी।
शिक्षण अन्येतर हो भाषी,  
पहले सम्मानित हो हिन्दी।
राष्ट्र प्रगति संबलता हिन्दी, 
राजभाष अनुमोदित हिन्दी।
         पश्चिम दर्शन हितकर हिन्दी, 
         निजभाषा स्वीकारें हिन्दी। 
         वैभव ज्ञान राष्ट्रहित हिन्दी
         महाशक्ति साधक हो हिन्दी।
अपनी संस्कृति , नैतिक हिन्दी, 
बने राष्ट्र की भाषा हिन्दी।
जनमन भावन स्नेहिल हिन्दी, 
राष्ट्रगान नित गायक हिन्दी ।
          है देश शत्रु वह मनुज नहीं,
          अभिमान न हो भाषा हिन्दी।
          स्वार्थलिप्त हो खो आज़ादी, 
          मन अवमानित बोलें हिन्दी।
देख चिन्तना भारत हिन्दी, 
क्रन्दित नित अपमानित हिन्दी।
उद्घोषण शासन हो हिन्दी, 
दिवस मनाती दुनिया हिन्दी।   
      अखण्ड भारत सपना हिन्दी, 
       आओ मिल अपनाएँ हिन्दी, 
       भाषा गुण अभियोजित हिन्दी, 
        राष्ट्रभक्ति निर्माणक हिन्दी ।
जीवन की अहमीयत हिन्दी, 
मुस्कान वतन मानक हिन्दी।
एक्य संघीय मानक हिन्दी, 
भक्ति प्रीति पथ न्यायिक हिन्दी। 
            आओ सीख सिखाऍं हिन्दी, 
            मिलकर मान बढ़ाऍं हिन्दी। 
            विश्व चन्द्रिका शोभित हिन्दी, 
            रजनीश प्रीत मुस्काऍं हिन्दी। 
हो हिन्दी का उत्थान तभी, 
गद्दारों का हो नाश जभी, 
फ़रमान तुर्क हो सम हिन्दी, 
अब से राष्ट्रभाषा हो हिन्दी। 

दोहा: आन बान भारत वतन, भाषा चारु सुभाष। 
         सजे राष्ट्र के भाल पर,हिन्दी हिय अभिलाष॥ 
कवि✍️डा. राम कुमार झा "निकुंज" 
रचनाः मौलिक (स्वरचित)
नई दिल्ली

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