दिनांक:11/०1/2022
आयोजन क्रमांक:383
हिन्दी दिवस
★विश्व हिन्दी दिवस★
माह जनवरी तिथि दस
मना रहा विश्व हिंदी दिवस
मन मे ले विश्वास इक
बने हिन्दी भाषा वैश्विक।
रहे सुचारु संवाद-संवहन
कौशल विकास, प्रणाली -प्रबंधन
औद्योगिकीकरण बनाता देश महान
स्वतकनीक विकास इसका निदान।
बन अभिव्यक्ति व संवाद संवाहक
राजभाषा राष्ट्रीय प्रगति की मानक
सफलतम स्वदेशीकरण अभियान
गर हिंदी पाये, यथोचित सम्मान ।
हिंदी जनक,भरत का भारत
देख दशा मन होता आहत
भारती से ही होकर भयभीत
देश में भी आंशिक प्रचलित।
होते हुए जन-जन की भाषा
दयनीय दशा देख होती निराशा
हस्ताक्षर तक है कहीं सिमटी
कहीं खानापुरी तक लिपटी ।
जो हिंदी भाषा से रखते योग
समझा जाता पिछड़ा अयोग्य
विवश, बेसुध बेहाल पडी है
हिंदी पलने से आगे नहीं बढी है।
अंतत:
हो गर्वी प्रयोग करो निज भाषा व श्रम।
कार्य करना हिन्दी मे है साविधिक धर्म॥
बिजय बहादुर तिवारी'विस्मृत, बोकारो
सर्वाधिकार सुरक्षित
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