"हिन्दी मेरी प्यारी हिन्दी"
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मेरी हिन्दी,मेरी प्यारी हिन्दी
चाहे कुछ भी बोलूं पर जो मिठास
तुम्हारे अंदाजे बयां में है किसी और में नहीं!
मैं जब लिखती हूं तुम देवनागरी से
दिल की भाषा बन जाती हो
मेरे शब्दों की इतने प्यार से सजाती हो
की तुम्हारी भाषा हमारी राष्ट्रभाषा बन जाती है!
कौन कहता है कि मात्र एक दिन है तुम्हारा
तुम तो लोरी बन बच्चें को हर दिन सुलाती हो!
मैं खुश हूं बहुत ही खुश
क्योंकि तुम्हारे वर्चस्व का परचम
अब विश्व में भी लहरा रहा है
हिंदुस्तान की आवाज
हर भारतीय की पहचान हो तुम
मेरी हिंदी मेरी जज्बात की आवाज हो तुम!
जब सारी भाषा मौन हो जाती है
तुम्हारी गूंज चारों दिशाओं में गूंजती है
मंदिर की घंटी,आरती की थाली में सजी
पुष्प तुम!
हमारी सभ्यता और संस्कृति की परिचायक तुम
हिन्दी राष्ट्र धरोहर तुम🙏
राधा शैलेन्द्र
भागलपुर
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