नमन मंच
कलम बोलती है साहित्य समुह
विषय साहित्य सफर
विधा कविता
दिनांक 17 अप्रैल 2023
महकती कलम की खुशबू नजर अलग हो,
साहित्य के सफर की झलक अलग हो,
दस्तख सफर में दी, तो हमने देखा,
सहयोगी पहचान बनी तो आनंद अलग है,,
बड़े खुश हैं हम जीवन में सम्मान पाकर,
बड़े सुहाने नजारे हैं साहित्य सफर में आकर,
चलती रही कलम भाव विचार लिखकर,
रात दिन चलती रही प्यारा साहित्य सफर,
भाव हकीकत लिखने की कोशिश मेरी रही है,
हर मानव को साहित्य पढ़कर आनंद लेना है,
इस सफर में ज्ञान और सम्मान बढ़ता रहता है,
टूटी फूटी वाणी से गुणगान गाती रहती हूं !
सच्ची श्रद्धा तन मन से लिखकर समर्पित हूं,
साहित्य के सफर में उड़ान भरना भर्ती रहती हूं,
मां शारदे यही वरदान दे पहचान चाहती हूं,
शारदे की पूजा साहित्य संदेश देना चाहते हैं !
स्वरचित
संगीता चमोली उत्तराखंड
बहुत-बहुत आभार आदरणीय दीदी जी
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