#कलम बोलती हैं साहित्य मंच
विषय -हिंदी दिवस
विधा -कविता
हिंदी हमारी भाषा।
नाता है अच्छा खाशा।
है धर्म यहाँ अनेको।
है भिन्न भिन्न भाषा।
है कठिन बहुत हिंदी।
जिसको न आये ये भाषा।
ये संस्कृत की है बेटी।
ऋषि मुनियों ने तराशा।
रखती है जोड़कर हमे।
ये हिंदी की है सरलता।
सिखाती है विनम्रता।
भावो की अभिव्यक्तता।
अपनापन हमे सिखाती।
ये मातृ भूमि की भाषा।
आओ बढे संकल्प लेकर।
रखे विचार की समता।
हर रोज हिंदी दिवस हो।
ये न्याय की हो सत्ता।
भाषा भी अच्छी अंग्रेजी।
पर हिंदी से न विमुखता।
सम्मान हो सभी का।
अपमानित न हो कोई भाषा।
स्वरचित-
मीना तिवारी
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