यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

विषय :- हिन्दी ।रचनाकार :- आ. सुमन तिवारी जी 🏅🏆🏅

#कलम ✍🏻 बोलती_है_साहित्य_समूह #दो_दिवसीय_लेखन
#दैनिक_विषय_क्रमांक : 382
#विषय: हिंदी
#विधा : कविता
# दिनांक: 11 जनवरी 2022, मंगलवार
समीक्षा के लिए
_______________________
माँ के भाल का तिलक हिंदी
       माँ के माथे की शोभा हिंदी। 
यही मान अभिमान हमारी
       कवियों की सुर तान हिंदी।। 

मात्रा का सारा खेल है हिंदी
       स्वर व्यंजन वर्णों की माला। 
यति गति,ताल और छंद लय
       अलंकार युक्त रस का प्याला।। 

आन बान और शान है हिंदी
       बनी भारत की पहचान हिंदी। 
संपूर्ण विश्व में भारत देश का
       परचम लहरा रही मेरी हिंदी।। 

आओ मिलकर विचार करें
       भारत माता का श्रृंगार करें। 
राष्ट्रभाषा का मान दिलाकर
       मातृभाषा का सम्मान करें।। 

             स्वरचित मौलिक रचना
     सुमन तिवारी, देहरादून, उत्तराखंड

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

रचनाकार :- आ. संगीता चमोली जी

नमन मंच कलम बोलती है साहित्य समुह  विषय साहित्य सफर  विधा कविता दिनांक 17 अप्रैल 2023 महकती कलम की खुशबू नजर अलग हो, साहित्य के ...