#कलम_बोलती_है_
साहित्य_समूह
#आयोजन संख्या ३८३
#विषय हिंदी
#विधा दोहा ग़ज़ल
#दिनांक ११/०१/२२
#दिन मंगलवार
#सादरसमीक्षार्थ
#प्रस्तुति संख्या ०२
सबको करना चाहिए,
हिंदी में अब काम।
देना चाहूंँ मैं यही,
आज यहांँ पैगाम।
भाषा प्यारी है हिंदी,
सुना सभी यह बात।
जग में हम प्रचार करें,
हिंदी का हो नाम।
सबको कहता हूंँ यही,
करो हिंदी में बात
लालच में लाकर दिए,
सभी जनों को आम।
करता हूंँ यही कामना,
बढ़े हिंदी का मान।
अंग्रेजी को छोड़ कर,
दामन इसका थाम।
मम्मी डैडी ना कहे,
मात पिता को आप।
टीचर या गुरु से करे
चरण छूकर प्रणाम।
तरुण रस्तोगी'कलमकार'
मेरठ स्वरचित
🙏🌹🙏
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