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शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

विषय :- हिन्दी ।रचनाकार :- आ कान्ता शर्मा जी 🏅🏆🏅

नमन मंच
कलम बोलती है साहित्य सृजन मंच
क्र.संः 383
दिनाँकः 11-01-2022
विषयः हिन्दी

आओ हिंदी को अपनी पहचान बनाएं,
अस्तित्व इसका खो रहा मिलकर बचाएं।
युगों-युगों से ऋषि मुनियों की वाणी बन,
अनेक ग्रंथों की रचना में समाई।
देश विदेश में बन गई ये महान,
फिर भारत में क्यों नहीं रहा अब सम्मान।
पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण,
चहुँ ओर लहराता है इसका परचम।
हिमालय सजा है देश का मुकुट जैसे,
हिंदी की बिंदी भी चमके चाँद के जैसे।
वैज्ञानिक भाषा होकर भी ये बेगानी,
आज युवा अपना रहे संस्कृति अनजानी।
हर रक्त की बूँद में हमारे है ये समायी,
फिर अंग्रेजी अपनाकर क्यों ये भुलाई।
अ से अनपढ़ को ज्ञ ज्ञानी ये बनाये
अंग्रेजी पढ़कर क्यों ऐपल खाकर ज़ेब्रा बन जाये।
न भूलें हम विश्व पटल पर लहरा रहा है, दुनिया के कोने-कोने में इसका परचम।
विदेशी आज अपनाकर हमारी हिंदी को,
संस्कृति में इसकी खोज रहे इसके गुण।
सुनो हिन्द देश के सभी वासीयों!
अंग्रेजों ने ही तो भारत को गुलाम किया था,
फिर आज त्याग कर अंग्रेजी भाषा को,
अपनी हिन्दी से जुड़ इसकी संस्कृति का उत्थान करें।

स्वरचित व मौलिक
कान्ता शर्मा,
शिमला, हि.प्र.।

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