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रविवार, 16 जनवरी 2022

विषय :- पतंग। रचनाकार :- आ. सत्या पांडेय जी 🏅🏆🏅

🙏

हवा के रुख को समझती पतंग,
 बुरे हालत से लड़ती  पतंग,🪁

कटती है, उतरती , चढ़ती पतंग
उम्मीद के धागे से  बढ़ती  पतंग

गिरती , सम्हलती ,मचलती ,पतंग,
बेखौफ तमन्नाओं सी उड़ती  पतंग..

हौसले की उडान उडती पतंग 
प्रतिस्पर्धा  मे खूब कटती पतंग ।।

जिन्दगी का सफर होता कठिन 
 जिन्दगी  भी है यू उडती पतंग  

जिन्दगी की राह मे काटे  बहुत  है
 जैसे शूल पर मर मिटती   पतंग 

सत्या पांडेय 
वाराणसी

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