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शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

विषय :- हिन्दी ।रचनाकार :- आ. मीनाक्षी दीक्षित जी 🏅🏆🏅

सादर नमन कलम बोलती है मंच
१०/०१/२०२२ सोमवार
विषय क्रमांक - ३८३
विषय - हिन्दी
विधा - स्वैच्छिक (दोहे)

हिन्दी में ही सार है, हिन्दी में तकरार।
हिन्दी में ही भावना, हिन्दी में ही प्यार।।०१।।

हिन्दी ही उत्थान है, हिन्दी ही सम्मान।
हिन्दी अपनी साधना, हिन्दी ही अभिमान।।०२।।

इग्लिश की बैसाखियाँ, कब छोड़ेंगे आप।
हिन्दी के जज्बात भी, क्यों लगते अभिशाप।।०३।।

हिन्दी हिन्दुस्तान में, माँग रही है भीख।
जीवन जीने के लिए, थोड़ी हिन्दी सीख।।०४।।

हिन्दी दर्दे हाल है, संस्कार बदहाल।
अँग्रेजी के गुलगुले, उड़ा रहे कंगाल।।०५।।

हिन्दी दिवस मनाइए, कल जाएँगे भूल।
हाय-हलो की भोर में, अँग्रेजी अनुकूल।।०६।।

✍️मीनाक्षी दीक्षित
भोपाल मध्यप्रदेश

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