नमन मंच कलम बोलती साहित्य समूह
दिनांक--- 11/01/2022
विषय--- हिंदी
विधा---- दोहा ग़ज़ल
हिंदी अपनी आन हो , हिंदी अपनी शान ।
हिंदी की सेवा करें , घटे न इसका मान ।।१
हिंदी में हर काम हो , हिंदी में हो बात ।
जान बुझकर मत करें , हिंदी का अपमान ।।२
भाषण हिंदी में करें , हिंदी दुआ .सलाम ,
हिंदी में जयगान हो , हिदी का उत्थान ।।३
मम्मी पापा छोडं कर , कहिए माँ अरु बाप ।
अंग्रेजी को छोड़िए , हिंदी करें बखान ।।४
रह कर हिंदुस्तान में ,. हिंदी से हैं दूर ,
जय जय हिंदी की करें , जय जय हिंदुस्तान ।।५
स्वरचित व मौलिक
जगत भूषण राज
प. चम्पारण , बिहार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें