यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 11 जनवरी 2022

विषय :- हिन्दी ।रचनाकार :- आ. सुधा चतुर्वेदी मधुर जी 🏅🏆🏅

नमन मंच
कलमकार कुंभ 
विषय .....हिंदी 
विधा .....कविता 
10-01-22

गौरव हमारी हिन्दी है , 
  अभिमान हिन्दुस्तान का । 
     अनेक भाषा महके पुष्प हैं , 
        पर हार सूत्र हिन्दी मात का । 

कहीं विश्व में निज निवास हो , 
     प्रवास कहीं किसी स्थान का । 
      जीवन आधार हिन्दी मात है, 
        मेरी पहचान हिन्दीभाषिका। 

भाल पर उज्ज्वल बिन्दी सजी , 
  फिर क्यों सिसकती हिन्दी माँ ? 
     एकता सूत्र को साधे खड़ी रही,  
        मायूस सी क्यों है हिन्दी माँ ? 

क्यों असहाय खड़ी है हिन्दी माँ , 
   क्यों पीर अश्रु की धार बही । 
     जो राष्ट्र की भाषा कहलाये , 
       क्यों नारों की मोहताज हुई । 

हिन्दी में शिक्षा ग्रहण करो , 
   ये समान भाव है दिखलाती । 
    ना वर्ण है लघु और दीर्घ कोई , 
     अर्द्धवर्ण की संबल बन जाती। 

साहित्यों की आधार शिला , 
  विस्तृत परचम फैलाये हैं । 
    कभी वीर बनी श्रंगार सजी , 
      कभी भक्ति के गीत सुनाये हैं । 

प्रेमचन्द कहानी हैं सर्वोत्तम , 
  भारतेंदु ने निबन्ध सजाये हैं । 
    पंचतंत्र के शिक्षावद किस्से , 
       सब हिन्दी से रच पाये हैं । 

हिन्दी में ही संवाद हों सब , 
  हिन्दी लिपि ही दफ्तर में हो। 
    हिन्दी का मान बढ़े नभ सम , 
      हिन्दी ही प्रिय राष्ट्र धरोहर हो । 

स्वरचित अप्रकाशित रचना 
      सुधा चतुर्वेदी 
          मुंबई

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

रचनाकार :- आ. संगीता चमोली जी

नमन मंच कलम बोलती है साहित्य समुह  विषय साहित्य सफर  विधा कविता दिनांक 17 अप्रैल 2023 महकती कलम की खुशबू नजर अलग हो, साहित्य के ...