#कलम_बोलती_है_
साहित्य_समूह
#आयोजन संख्या ३८३
#विषय हिंदी
#कविता
#दिनांक १०/०१/२१
#सादरसमीक्षार्थ
प्रस्तुति संख्या ०१
हिंदी भाषा का ज्ञान जान ले देश और जहान।
तभी बढ़ेगी देश की शान महकेगा सारा हिंदुस्तान।
मेरा अभिमान हिंदी है मेरी जान हिंदी है।
मातृभाषा हमारी प्यारी बड़ी हिंदी,
चमकती दुल्हन के माथे पर जैसे बिंदी।
यह जन-जन की दुलारी बड़ी प्यारी भाषा हिंदी हमारी।
लिखे हिन्दी में सदा सभी कहानी, कविता, छंद , मुक्तक या शायरी।
हिंदी में लिखता रहूंँगा भरता रहूंगा डायरी।
कभी न कार्य करूंगा यह बंद।
मेरा अभिमान हिंदी है मेरी जान हिंदी है।
हिंदी भाषा की शान निराली,
सरलता से समझ में आने वाली।
हिंदी भाषा को हम-सब मिलकर बनायेंगे ,
इसको राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलकर दिलाएंगे।
जन जन तक पहुंचा देंगे यह प्यारा संदेश
मेरा अभिमान हिंदी मेरी जान हिंदी है।
तरुण रस्तोगी "कलमकार"
मेरठ स्वरचित
🙏🌹🙏
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