#कलम_बोलती_है
#विषय:- हिन्दी
#दिनांक:- 10/01/2022
शीर्षक:- "हिंदी"
राष्ट्र का मान है
सम्मान है हिंदी...!
भारत की आन है
पहचान है हिंदी...!!
मीरा की कृष्ण के
प्रति भक्ति है हिंदी...!
सुरदास के सूर
में शक्ति है हिंदी...!!
निराशा में भी आशा
की किरण है हिंदी...!!
कभी शब्द तो कभी
शब्दों का अर्थ है हिंदी...!!
राधा कृष्ण के परिशुद्ध
प्रेम की परिभाषा है हिंदी...!
प्रकृति का मधुर
स्वर है हिंदी..!!
मानव की मानवता
का अस्तित्व है हिंदी...!
'निराला' की कविता
का रस है हिंदी...!!
पवन की पुरवाई में
समाई है हिंदी...!
नभ की काली
घटाओ में है हिंदी...!!
माटी की खुशबू में
महकती है हिंदी...!
वीरों के लहू में
धडकती है हिंदी...!!
लेखिका:- आरती सिरसाट
बुरहानपुर मध्यप्रदेश
मौलिक एंव स्वरचित रचना।
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