दिनांक:-11-01-2022
बिषय:- हिन्दी
विधा:- कुंडलियाँ
क्रमांक:-383
सुन्दर भाषा प्रमुख है, हिन्दी बड़ी महान|
तत्सम तद्भव और है, काव्य छंद परिधान||
काव्य छंद परिधान, सुमुख सुन्दर रसवंती|
महक चहक सुकुमार, रंग है लिए वसंती||
कहें' मधुर' कविराय, बड़ी अनुपम परिभाषा|
दुनिया में है श्रेष्ठ, हमारी सुन्दर भाषा||
स्वरचित/ मौलिक
ब्रह्मनाथ पाण्डेय' मधुर'
ककटही, मेंहदावल, संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश
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