जय मां शारदे
मंच को नमन
#कलम बोलती साहित्य समूह
#दिनांक :- १०-०१-२०२२
#वार :- सोमवार
#विषय :- विश्व हिंदी दिवस
#विधा:- स्वैच्छिक
हिंदी भाषा मेरी मातृभाषा है, मेरी जननी है, हिंदी भाषा के बगैर हम अधूरे हैं। हिंदी हमारी आन, बान, शान और जग में महान भाषा है। यह हमें सारे विश्व में गौरव प्रदान कर आती है और हमें शांति का पाठ पढ़ाती है। हिंदी भाषा निरक्षर को साक्षर बनाकर सारे जग में महान बनाती है, बिना ज्ञान के हम पशु के समान हैं, और ज्ञान महेश सिर्फ भाषा से ही मिलता है, हमारी हिंदी भाषा विश्व प्रसिद्ध भाषा है। और भाषाओं की गुरु हमारी हिंदी भाषा मानी जाती है, विश्व गुरु अर्थात जगतगुरु मातृभाषा अर्थात हमारी हिंदी भाषा ही है। हिंदी भाषा हमें स्वाभिमान सिखाती है, हमारा अभिमान बचाती है, और हमें एक पथ पर पर ले चलकर हमें महान बनाती है।
हिंदी भाषा हमें संस्कार सिखाती है, शिष्टाचार सिखाती है, तहजीब सिखाती है, एक दूसरे से बात करने का तरीका सिखाती है, बड़ों का आदर करना और छोटों से प्यार करना सिखाती है। हिंदी भाषा हमारे जीवन में एक मिठास से एहसास बोलती है जिसे हम अपने शब्दों के माध्यम से दूसरों के समक्ष रख सकते हैं। हिंदी भाषा हमें गीत, ग़ज़ल और कविता का माध्यम से सुर का आनंद भी कराती है, जिससे हम आत्मविभोर होकर हमारी आत्मा को शांति मिलती है और हम मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा है इसे हमें नहीं भूलना चाहिए यह हमें सारे जग को बताना चाहिए और अपने आसपास के लोगों को इस के ज्ञान के बारे में बताना चाहिए जिससे हम अपनी मातृभाषा को अपनी मां के समान मानकर हमेशा, हमेशा के लिए पूजा करें।
स्वरचित रचना
प्रभात राजपूत''राज''गोंण्डवी
गोंडा, उत्तर प्रदेश
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