यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

विषय :- हिन्दी ।रचनाकार :- आ. रश्मि शुक्ल रीवा जी 🏅🏆🏅

🙏 सादर नमन मंच 🙏
विषय क्रमांक - ३८३
विषय - हिंदी
विधा - चौपाई
दिनांक - १०/०१/२०२२
स्वरचित- रश्मि शुक्ल रीवा (म.प्र)
***************************

*हिंदी*
माथे की शोभा जो बिंदी,
भारत के ललाट पर हिंदी।
हिंदी अपनी है सुखकारी,
इसमें मिली बोलियाँ सारी।।

यश हिंदी का कह नहीं पाए,
अलंकार रस छंद समाए ।
लेखक कवियों के मन भाए,
अगणित कविता गीत बनाए।।

मीठी सहज सरल है भाषा,
भावों की अनुपम परिभाषा।
हिंदी तो है शान हमारी,
सुंदर ये पहचान हमारी ।।

हिंदी में लिख के चौपाई,
आप सभी के बीच सुनाई।
हिंदी लिखे पढ़े अरु बोलें,
उन्नत की नाव राहे खोलें ।।
***
✍️ स्वरचित- रश्मि शुक्ल रीवा (म.प्र)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

रचनाकार :- आ. संगीता चमोली जी

नमन मंच कलम बोलती है साहित्य समुह  विषय साहित्य सफर  विधा कविता दिनांक 17 अप्रैल 2023 महकती कलम की खुशबू नजर अलग हो, साहित्य के ...