क्रमांक_३८३
दिनांक_११/१/२०२२
विषय_हिंदी दिवस
विधा_गद्य
आज सब की कविताऐ कहानियां छंद आदि मे यही चर्चाएं हे । होना स्वभाविक भी ।कभी यह विचार किया की हमारे बच्चो को कितनी हिंदी आती हैं संस्कृत की तो बात ही छोड दे ।आज गांवौ मे भी अग्रेंजी शब्दावळी का चलना बड रहा ।हिंदी अंको का ,महीनो दिनो के नामो का ज्ञान नही ।
तो सचाई को स्वीकारे ओर अग्रेजी अंको व शब्दावली के साथ पूर्ण ज्ञान हिंदी का कराना अति आवश्यक है ।तभी यह दिवस मनाना सार्थक हो गा ।मेरे यहाँ यह दिवस सार्थक है क्योंकि सबको हिंदी का ज्ञान हे ।बोलने मे हम पूर्ण तया हिंदी का ही उपयोग करते हैं ।
आओ हम सब करे प्रयास लिखे पढे हिंदी बढा़ये मान मातृभूमि का ।ओर सभी भाषाऔ को सम्मान दे ।
दमयंती मिश्रा
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