कलम बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक 383
विषय हिन्दी
विधा कविता
दिनाँक १०/१/२०२१
दिन सोमवार
संचालक आप औऱ हम
हिन्दी हमारी मातृ भाषा।
हिन्दी हमारी राज भाषा।
हिन्दी हमारी शान है।
हिन्दी हमारी जान है।
हिन्दी का मान करें।
हिन्दी में सब काम करें।
हिन्दी बोलें हिन्दी पढ़ें
हिन्दी लिखें हम।
हर प्रान्त हर जिले हर शहर
हर गाँव कस्बे में हो हिन्दी।
हिन्दी हमारी आन है
हिन्दी हमारी शान है
हिन्दी का मान करें।
हिन्दी हो घर घर की भाषा।
हिन्दी हो जन जन की भाषा।
हिन्दीका गुणगान करें।
हिन्दी का मान करें।
आज मना रहे हम,
विश्व हिन्दी दिवस।
दे रहा विश्व हिन्दी को सम्मान,
पर अपने ही घर में हो रहा अपमान।
अंग्रेजी को हम भूल न पाए ।
अब भी अंग्रेजी बोलना अपनी
शान समझते।
सिखा रहे बचपन से बच्चों को
हैलो हाय टाटा बाय बाय,
मम्मी पापा अंकल आन्टी।
भूल गए अपने संस्कार।
हिन्दी का मान बढ़ाना होगा,
हिन्दी को अंतराष्ट्रीय भाषा ,
कामान दिलाना होगा।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित मौलिक रचना।
नरेन्द्र श्रीवात्री स्नेह
बालाघाट म. प्र.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें