कलम बोलती है साहित्य समूह
दिनांक 11/01/2022
विषय विश्व हिंदी दिवस
देश का मान बढ़ाती हिंदी,
सबको गले लगाती हिंदी।
जीवन का आधार है हिंदी,
दिल से दिल को मिलाती हिंदी।
छंद अलंकार व्याकरण से,
सबको सदा लुभाती हिंदी।
सुमधुर कर्णप्रिय अति मनभावन,
साहित्य का मार्ग दिखाती हिंदी।
हास्य वीर रौद्र वात्सल्य रसो से,
सबका हृदय सजाती है हिंदी।
एक भाव में फैली अनेकता,
सब को सदा बताती हिंदी।
साहित्य का अभिमान हिंदी,
सूर कबीर रसखान हैं हिंदी।
तुलसी मीरा कालिदास है हिंदी,
पावन गंगा से रविदास है हिंदी।
जिसने काल को जीत लिया हो,
वो कालजयी भाषा है हिंदी।
जीवन के रग रग में बसती,
जीवन की परिभाषा है हिंदी।
स्वरचित एवं मौलिक रचना है
विनीता कुशवाहा गोण्डा उत्तर प्रदेश
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