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हिन्दी साहित्य जगत में सर्वोपरि है हमारी
मातृभाषा हिंदी, राष्ट्रीयकरण सकारात्मक सोच लिए जागृतिपथ अग्रसर , विश्वधरातल में अपनी छाप छोड़ती शांति प्रिय उद्देश्यों में एकरूपता प्रदान करतीं , अपनी पहचान बनाती मातृभाषा राष्ट्रभाषा हिंदी ।
कलयुग में शशक्त माध्यम हमारी मातृभाषा राष्ट्रभाषा
हिंदी हैं।
अपनी लोकप्रियता और स्वीकार्यता विश्व में कथनी करनी में कोई अंतर नहीं होने, जल्दी समझना एक उत्साह के समान, उत्कृष्टता लिए हर पहलू पर खरी उतरती हमारी मातृभाषा राष्ट्रभाषा हिन्दी ही हैं ।
कड़े संघर्ष और आजादी के बाद आज दूरदृष्टी पका ईरादा देती हैं हमारी-आपकी मातृभाषा राष्ट्रभाषा हिन्दी फिर से भारत को विश्वगुरु बनाने में अपना योगदान रखतीं हैं ।
शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता आत्मविश्वास हमारे वेद पुराणों ने धर्म निरपेक्षता बीना भेदभाव किए विश्व को जागृतिपथ अग्रसर किया गगन आज हमारी मातृभाषा राष्ट्रभाषा हिन्दी अपनी जिम्मेदारी की भूमिका पूरी तरह निभा रही हैं ।
हमारे महापुरुषों, साहित्यकारों , रचनाकारों, इतिहासकारों, वैज्ञानिकों ने सार्थक प्रयास किया है, हिन्दी दिवस पर सभी देशवासियों को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई तहदिल से
गगन खरे क्षितिज कोदरिया मंहू इन्दौर मध्य प्रदेश इन्दौर
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