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शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

विषय :- हिन्दी ।रचनाकार :- आ रत्नप्रभा पोरवाल जी

नमन मंच
 कलम बोलती है साहित्य समूह
 विषय हिंदी
 विधा स्वैच्छिक
 दिनांक 11-1-22
 दिन मंगलवार

 विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई

 कविता-- मीठे रस से भरियोडी 

 मीठी रस से भरियोडी हिंदी भाषा लागे
 जाणे मां के भाल पर बिंदी लागे

 हिंदी भाषा बड़ी रसीली
 शब्द का मान बढ़ावे
 कानों में मिश्री बोले
 जब कोई मालवी बोले
 वह तो मालवा की मिठाई गुड़धानी लागे
 जाणे मां के भाल........ 

 अलंकार तो ऐसे लगे हैं
 हीरे जड़े अपार
 रस छंद तो ऐसे जैसे
 माणक मोती हजार
 वातो झिलमिल सितारों की चुनर लागे
 जाणे मां के भाल....... 

 भावों की अभिव्यक्ति करती
 प्रेम का अलख जगाती
 संस्कारों का रोपण करती
 हिवडे हरक जगाती
वातो संस्कृति की पूरी किताब लागे
जाणे मां के भाल....... 

 हिंदी भाषाओं की नानी
 वेद पुराण सभी ने जानी
 आओ जन-जन तक फैलाएं
 सबने मन में ठानी
 वातो सभी भाषाओं की रानी लागे
जा णे मां के भाल पर बिंदी राधे

 मीठे रस से भरियो री हिंदी भाषा लागे
 जाने मां के भाल पर बिंदी लागे

 रत्नप्रभा पोरवाल
 विज्ञान नगर इंदौर

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