दिनांक --10/01/22
क्रमांक ----------383
विषय----------- हिन्दी
शीर्षक--(अस्तित्व खतरे मे)
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हिन्द समाया हिन्दी मे,
हिन्दी हिन्दुस्तानी।
देवभाषा जननी जिसकी,
भाषाओ की रानी ।।
हिन्दी हिन्दुस्तानी,----2
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विश्व लहराए,
परचम जिसका ।
क्या तुझको ,
इसका है भान ।।
अखंड हिन्द की ,
अखंड शान ये,
हिन्दी,हिन्दू,हिंदुस्तान ।
सरताज रही साहित्य जगत की,
बनकर ये महारानी ।
देवभाषा जननी जिसकी,
भाषाओ की रानी ।
हिन्दी हिन्दूस्तानी---2
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"नही फ़िरंगी सत्ता मे अब,
पर भाषा का शासन है ।
चीर हरण हुआ हिन्दी का,
हम सब ही दुष्शासन है ।
"मात्र न रह जाए बन भाषा,
जन जन की ये हो वानी ।
देवभाषा जननी जिसकी
भाषाओ की रानी ।।
हिन्दी हिन्दुस्तानी-----2
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"चौपाई मे बसती सांसे,
अस्तित्व बनाया छन्दो ने ।
दोहे जिसका मान बढावे,
संस्कृति जिसके कन्धो पे।।
राष्ट्र भाषा सिरमौर बने ये,
अब हम सब ने है ठानी ।
देवभाषा जिसकी जननी,
भाषाओ की रानी ।।
हिन्दी हिन्दुस्तानी------2
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स्वरचित-नीतू अखिलेश त्रिपाठी #कानपुर #
#उ o प्र o #
🌷जय माता की 🌷
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ati sunder chitran hindi bhasa ki bharat mein sthithi ka. Ati sunder rachna
जवाब देंहटाएंबहुत उत्कृष्ठ रचना और अद्भुत लेखनी से परिपूर्ण काव्य
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुभ कामनाएँ और आर्शीवाद