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शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

विषय:- हिंदी । रचनाकार :- आ. प्रमोद_गोल्हानी_सरस जी 🏅🏆🏅

🙏🌹जय माँ शारदा 
नमन "कलम बोलती है"
दि.-11-01-22
प्रदत्त विषय - #हिन्दी
विधा- #गीत
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             #अपनी_प्यारी_हिन्दी_है

भारत के जन-जन की भाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।
अपनेपन की सत परिभाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।।

वृहद व्याकरण से सम्मत है,सुता संस्कृत की प्यारी।
भाषायें तो अनगिन हैं पर, हिन्दी है सबसे न्यारी।।
लगता मुँह में घुला बताशा,अपनी प्यारी हिन्दी है।
अपनेपन की सत परिभाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।।

अनुपम शब्द सुमन आच्छादित,भाव भरा आलिंगन है।
सबको अपना कर लेने का,सरस सुखद आमंत्रण है।।
प्रीत पुनीत सुवासित आशा, अपनी प्यारी हिन्दी है।
अपनेपन की सत परिभाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।।

भले चलन अनुसार आप हम,ढलने को ढल जायेंगे।
हिन्दी अपने हृदय समाई,अलग नहीं कर पायेंगे।।
देती प्यार हमें माता सा,अपनी प्यारी हिन्दी है।
अपनेपन की सत परिभाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।।

विश्व पटल पर अपनी हिन्दी,का परचम अब लहराये।
देश और दुनिया में हिन्दी,बोली और सुनी जाये।।
सरस हृदय की नित अभिलाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।
अपनेपन की सत परिभाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।।

भारत के जन-जन की भाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।
अपनेपन की सत परिभाषा,अपनी प्यारी हिन्दी है।।

               "जय हिन्द-जय हिन्दी"
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#प्रमोद_गोल्हानी_सरस
  कहानी - सिवनी म.प्र.

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