कलम बोलती है मंच को नमन।
***********************
विषय-हिंदी दिवस
"""""""""""""""""""""""""""""""""""
दिनांक 10-01-22
मेरे प्यारे भारत की , हिंदी भाषा है पहचान।
हिंदी पर है गर्व सभी को , भारत माता की है शान
सदा सुहागन हिंदी भाषा ,संस्कारों की है ये खान।
स्वाभिमान से ,ओतप्रोत यह मेरा प्यारा हिंदुस्तान ।
अंग्रेजी का साम्राज्य ,कुकुरमुत्ते ज्यों फैल रहा
हिमायत में पढें कसीदा और स्यापा भी झेल रहा।
हिंदी की दुर्दशा देखकर शोणित मेरा खौल रहा
भारत में इंग्लिश का जादू सिर चढ़कर अब बोल रहा।
दोयम दर्जे जीने को हिंदी भाषा अभिशप्त हुई
उर्दू हिंदी में भेद करा कर ,अन्य भाषा मुक्त हुई।
संस्कारों की जननी है, हिंदी से मेरा देश महान
राष्ट्रभाषा हिंदी पर सारा, गर्व करेगा हिन्दुस्तान।
संस्कारों की भाषा हिंदी रचनात्मकता का है भंडार
इनके कण कण में बसता है भारत माता का है प्यार।
कवि संत कुमार ' सारथि' नवलगढ़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें