कलम_ बोलती है
10.1.2022
सोमवार
विषय क्रमांक - 383
विषय - हिन्दी
विधा - गीत ( स्वैच्छिक )
“ हिन्दी “
हिन्द देश की भाषा हिन्दी,हिन्दू हिन्दुस्तान है
मातृभूमि की भाषा हिन्दी,भारत की पहचान है।।
विश्व पटल पर धूम मचाती,
सबके ही मन को है भाती
नव विहान सी है मुसकाती
यही हमारी जीवन थाती
सदियों से बोली जाती है,
भारत का अभिमान है
मातृभूमि की भाषा हिन्दी,
भारत की पहचान है ।।
भाषा अपनी अजर-अमर है
सबका हित ही सर्वोपरि है
बाँध रही है एक सूत्र में
प्रति पल सुरभित नया सफ़र है
भावों की अभिनव अभिव्यक्ति,
मधुरिम-मोहक गान है
मातृभूमि की भाषा हिन्दी,
भारत की पहचान है।।
जात -पाँत का भेद नहीं है
अपनाया जो लगा सही है
तुलसी-सूर,रहीम,कबीरा
मीरा और रसखान यहीं है
पंत,प्रसाद,निराला ही तो,
देश की अपनी शान हैं
मातृभूमि की भाषा हिन्दी,
भारत की पहचान है ।।
स्वरचित
डॉ० दुर्गा सिन्हा ‘ उदार ‘
फ़रीदाबाद, हरियाणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें