विषय-हिन्दी
विधा-स्वैच्छिक
दिनांक-10/1/22
दिवस-सोमवार
सादर अभिवादन 🙏🏻
यहां की माटी मेरी शान
अभिमान यहां की भाषा है,
देश है मेरा भारत महान
मेरी हिंदी मेरा अभिमान।
तिरंगा झंडा है मेरा मान
अनेकता में एकता यहां की परिभाषा है,
हर भारतवासी करे गुमान
मेरी हिंदी मेरा अभिमान।
भिन्न भिन्न हैं प्रांत यहां के
भिन्न भिन्न है पहनावा,
भिन्न भिन्न है बोली भाषा
भिन्न भिन्न है खान पान,
प्रांत क्षेत्र से.... सबसे ऊपर
मेरी हिंदी मेरा अभिमान।
हिंद देश के हम हैं निवासी
दिल से करो सब सम्मान,
हिंदी से पहचान हमारी
मेरी हिंदी मेरा अभिमान।
अल्का मीणा
नई दिल्ली
स्वरचित एवं मौलिक रचना
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें