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गुरुवार, 9 सितंबर 2021

रचनाकार :- आ. मंजू लोढ़ा जी 🏆🏅🏆

नमन मंच
शीर्षक – अन्याय (लघुकथा)
दिनांक – 09 सितम्बर 2021

आजकल हर तरफ अन्याय होता रहता है और लोग आम तौर पर अपनी आंखें बंद करके आगे बढ़ जाते है। कोई विरोध करना तो दूर, उसकी ओर ध्यान तक देने से कतराते है। जबकि एक समय था कि लोग राजा के द्वारा किये गये अन्याय का भी विरोध करते थे। प्रसंगवश आज मुझे बीरबल की खिचड़ी वाली कहानी याद आ रही है।

एक दिन बादशाह अकबर ने घोषणा की, कि जो आदमी सर्दी के इस मौसम में नदी के ठण्डे पानी में रात-भर खड़ा रहेगा, उसे शाही खजाने से पुरस्कृत किया जायेगा। इस घोषणा को सुनकर एक गरीब धोबी ने सारी रात नदी में खड़े-खड़े बिता दी और अगले दिन बादशाह के दरबार में आकर इनाम लेने पहूँचा।

बादशाह ने उस धोबी से सवाल किया, क्या तुम बता सकते हो किस शक्ति के सहारे तुम रात नदी में खड़े रहे ? धोबी ने अदब के साथ जवाब दिया, मैं कल सारी रात महल की छत पर जलते हुए चिराग को देखते रहा। उसी की शक्ति से मैं सारी रात नदी में खड़ा रह सका। बादशाह ने उसका जवाब सुनकर कहा, इसका मतलब तो यह हुआ की महल की रोशनी की आंच की गरमी के कारण तुम सारी रात पानी में खड़े रह सके, इसलिए तुम इनाम के सच्चे हकदार नहीं हो सकते।

धोबी उदास हो गया और बीरबल के पास जाकर निराशा भरे स्वर में बोला, दरबार में बादशाह ने इनाम देने से इंकार कर दिया है। धोबी ने इसका कारण भी बीरबल को बता दिया। बीरबल ने गरीब धोबी को सांत्वना देकर घर भेज दिया। 

बादशाह ने अगले दिन बीरबल को दरबार में न पाकर एक खादिम को उन्हें बुलाने के लिए भेजा। खादिम ने उन्हें आकर सूचना दी, बीरबल ने कहा है कि जब उनकी खिचड़ी पूरी पक जाएगी, तभी वह दरबार में आ सकेंगे। बादशाह को यह सुनकर बड़ा अचरज हुआ। वह अपने दरबारियों के साथ बीरबल के घर पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि दो लम्बे बांसों के ऊपर एक हंडिया में चावल रखकर उसे लटकाया गया है और नीचे जमीन पर आग जल रही है।

बादशाह ने तत्काल पूछा, बीरबल, यह क्या तमाशा है ? क्या इतनी दूरी पर रखी हंडिया में खिचड़ी पक जाएगी ? हुजूर जरूर पक जाएगी। बीरबल ने उत्तर दिया। कैसे ? बादशाह ने कौतूहलवश पूछा ? जहाँपनाह बिल्कुल वैसे ही जैसे महल के ऊपर जल रहे दिये की गर्मी के कारण धोबी सारी रात नदी के पानी में खड़ा रहा- बीरबल ने कहा।

बादशाह अकबर बीरबल का यह तर्कसंगत उत्तर सुनकर लज्जित हुए। उन्होंने तुरन्त धोबी को ढूंढ लाने और पुरस्कृत करने का आदेश जारी कर दिया। जब लोगों को ये बात पता चली तभी से  "बीरबल की खिचड़ी" एक कहावत के रूप में प्रचलित हो गयी।

किसी के साथ कभी अन्याय नही करना चाहिए और अगर कोई कर भी रहा है तो उसे सचेत करते हुए करने से भी रोकना चाहिए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने भी कहा है कि अन्याय करने वाले से अधिक बड़ा पापी अन्याय सहन करने वाला होता है। इसलिए जीवन में हमेशा किसी के प्रति अन्याय हो रहा हो और अगर हम सक्ष्म हैं, और इसका विरोध कर सकते हैं तो इसका विरोध जरूर करना चाहिए।  गीता में भी कहा गया है, अन्याय सहना अन्याय करने से ज्यादा बड़ा पाप है।

इतिहास साक्षी है कि पापियों की उद्दंडता ने संसार को उतनी हानि नहीं पहुंचाई जितनी कि सज्जनों के मौन ने पहुंचाई। यदि कोई मूर्ख बोल रहा है तो मौन रहना उचित है, परंतु यदि कहीं छल हो रहा है, अपराध हो रहा है तो उठिए और विरोध कीजिए, क्योंकि आपके लिए न सही आने वाली पीढ़ी के लिए यह मौन घातक सिद्ध हो सकता है।  

- मंजू लोढ़ा

नमन मंच 
शीर्षक – गणेश आराधना
दिनांक – 11 सितम्बर 2021

ॐ गं गणपतये नमो नम:,
श्री सिध्धीविनायक नमो नम:,
अष्टविनायक नमो नम:,
गणपती बाप्पा मोरया ...। देखो देखो श्री गणेश उत्सव आया ,साथ में खुशियां अपार लाया।
गजानन के आगमन से,
आध्यात्मिक वातावरण में,
प्रफुल्लित तन मन कर्म से,
रिद्धी सिद्धी की आस लिए,
हर कोई मस्त मगन  नाचे गाये,
ॐ गं गणपतये नमो नम:,
श्री सिध्धीविनायक नमो नम:,
अष्टविनायक नमो नम:,
गणपती बाप्पा मोरया ...।
जल, थल, नभ, गगन पुकारे,
मोदक, लड्डू का भोग लगावे,  लाल फूल अर्पित करें, मस्तक पर दूर्वा चढ़ाये,
मूषकराज की करके सवारी,
गजानन हम सबके घर रिद्धि- सिद्धि तुष्टि- पुष्टि श्री ,शुभ -लाभ, आमोद- प्रमोद पूरे परिवार संग पधारे, प्रेम से जीवन जीने की राह दिखाएं,
चलो, मिलकर गाए हम सारे,
ॐ गं गणपतये नमो नम:,
श्री सिध्धीविनायक नमो नम:,
अष्टविनायक नमो नम:,
गणपती बाप्पा मोरया , विघ्नहर्ता बप्पा मोरिया रे। 
- मंजू लोढ़ा, स्वरचित

2 टिप्‍पणियां:

रचनाकार :- आ. संगीता चमोली जी

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