नमन _मंच
विषय_गणपति आराधना
व़िधा _स्व़ेच्छ़िक
दिनांक_११/०९/२१
विधा _रोल़ा
समीक्षार्थ
गणपति ज्ञान निधान ,कृपा अब हम पर कीज़े ।
भरा ज्ञान भंडार , तनिक सबको ही द़ीजे ।
मेटो सबके विघ्न , व़िघ्न को हरने व़ाल़े ।
हो जायें खुश हाल , पड़े न दुखों से पाले ।
वक्र त़ुंड से सीख , सदा ही हिलती डुलती ।
रहो न अक्रिया श़ील, आप से ये ही कहती ।
गज आनन भगवान , आप की वंदना करत़े ।
राग द्वेष से मुक्त , करें प्रभ़ु त़ुमसे कहते ।
सूर्पकर्ण भगवान , दया हम पर बरस़ाय़ें ।
रहे बुऱाई दूर , सदा ही हम हरष़ाय़ें ।
स्वरचित
रामगोपाल प्रयास
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