यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 12 सितंबर 2021

रचनाकार :- आ. सुनीता शर्मा जी 🏆🏅🏆

आप ओर हम
जी हाँ आप ओर हम 
ही तो है इस ग्रुप की जान
आन बान शान,
कुछ नई कुछ पुरानी सी पहचान।
जैसे सीप में मोती रहे
जल में रहे मीन
आसमान में तारे चमके
चूमे चंदा को जमीन


वैसे ही आप ओर हम है
एक दूजे के पूरक
अधूरे अधूरे है अभी
मगर साथ रहे तो हो जायगे पूरे।


जी हां आप ओर हम


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

रचनाकार :- आ. संगीता चमोली जी

नमन मंच कलम बोलती है साहित्य समुह  विषय साहित्य सफर  विधा कविता दिनांक 17 अप्रैल 2023 महकती कलम की खुशबू नजर अलग हो, साहित्य के ...