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मंगलवार, 7 सितंबर 2021

रचनाकार :- आ. अनुराधा पांडे जी 🏆🏅🏆

नमन मंच,
#कलम बोलती है साहित्य संगम संस्थान
दैनिक विषय-331
विषय -वो लम्हे
दिन -सोमवार 
दिनांक -6 सितंबर 2021


खता तो उन चंद लम्हों की थी,
सदियों ने हमेशा ही सजा पाई थी,
 जलजले से उठ रहे थे सीने में,
उनसे हुई कितनी रुसवाई थी||


भाग्य को भाग्य का साथ न मिला,
हाथों को सौभाग्य का हाथ ना मिला, कितना  भी टूट गया ,मन में लेकिन
सब कुछ निभाने की प्रतिज्ञा खाई थी||



 स्वरचित
 अनुराधा पांडे 
रीवा (मध्य प्रदेश)




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