नमन मंच
दिनाँक-8-9-2021
विषय-अन्याय
विधा-लघु कथा
बात अभी कुछ दिनों पहले की ही है। हमारे विद्यालय के एक कर्मचारी द्वारा एक छोटी सी भूल होने पर हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा उसे ऐसी सजा दी गई कि जिससे उसकी नौकरी ही समाप्त हो गयी। वह जो कुछ विद्यालय से जीवन यापन के लिए कमाता था वह भी समाप्त हो गई। उसने मुझे बताया सुनकर बहुत दुख हुआ ।मालूम करने पर पता चला कि प्रधानाचार्य जी ने उससे पीने के लिए पानी मँगाया था। कर्मचारी को अन्य कार्य होने के कारण वह पानी देना भूल गया इसी बात पर प्रधानाचार्य ने उसको बुरी तरह से ड़ाँटा, और उसकी नौकरी से छुट्टी कर दी जब यह बात मुझे मालूम पड़ी तो मैंने इस अन्याय का विरोध किया और प्रधानाचार्य से कहा कि इस कर्मचारी की रोजी-रोटी छीनने से
आपका कोई भला नहीं होगा पर उन्होंने अनसुनी कर दी। और उसको करीब 8 दिन तक निलंबित रखा इस अन्याय के प्रति मेरे मन में बहुत ही दुख का भाव था मैंने अपने स्तर से बात बड़े अधिकारियों तक पहुंचाई और अधिकारियों ने मेरी बात को ध्यान से सुना और उस कर्मचारी को उसकी सेवा पर पुनः बहाल किया और इस प्रकार एक गरीब के प्रति जो अन्याय हो रहा था उसको मैंने दूर करने का प्रयास किया कहा भी गया है अन्याय को सहन करना भी अन्याय है इसलिए हमें अगर किसी के प्रति कोई अन्याय की बात दिखाई दे रही हो तो हमें उसका डटकर मुकाबला करना चाहिए जीत अंत में न्याय की ही होती है अन्याय कि नहीं। धन्यवाद
रवेन्द्र पाल सिंह 'रसिक'
नमन मंच
कलम बोलती है साहित्य समूह
विधा-काव्य
विषय-गणपति आराधना
दिनाँक-10-9-2021
रचनाकार-रवेन्द्र पाल सिंह 'रसिक'
नमन मंच
दिनाँक-10-9-2021
कर दो बेड़ा पार गजानन तुम्हें मनाते हैं,आज हम तुम्हें मनाते हैं।।
सबसे पहले तुम्हें मनावें।
सभा बीच में तुम्हें बुलावें।।
गणपति आन पधारौं हम तो तुम्हें मनाते हैं ,आज हम तुम्हें मनाते हैं।।
आओ पार्वती के लाला।
मूषक वाहन सुंड विशाला।।
जपें तुम्हारे नाम की माला,तुम्हें बुलाते हैं ।आज हम तुम्हें मनाते हैं।।
उमापति शंकर के प्यारे।
तू भक्तों केकाज सँवारे।।
बड़े बड़े पापी तारे जो शरण में आते हैं।आज हम तुम्हें मनाते हैं।।
लड्डू ,पेड़ा भोग लगावें।
पान ,सुपारी,पुष्प चढ़ावें।।
हाथ जोड़कर करें वंदना,शीश झुकाते हैं।आज हम तुम्हें मनाते हैं
सब भक्तों ने टेर लगाई।
रसिक ने तेरी महिमा गाई।।
रिद्धि-सिद्धि संग ले आओ हम भोग लगाते हैं।आज हम तुम्हें मनाते हैं-2
रवेन्द्र पाल सिंह 'रसिक 'मथुरा
नमन मंच
दिनाँक-20-9-2021
विषय कोशिश
विधा-घनाक्षरी
कोशिश करोगे तो मिलेगी सफलता किंतु.
देश की अखंडता से मुँह मोड़िये नहीं.
भारत को जो भी वक्र दृष्टि से निहारे उसे.
धृष्टता का फल दिये बिना छोड़िये नहीं।
भूलिये न राम की भरत की उदारता को.
राज्य धन हेतु मित्र शीश फोड़िये नहीं।
एकता के हेतुप्रिय प्राणों का भुला दो मोह.
राणा,शिवा की परंपरा को तोड़िये नहीं।
रवेन्द्र पाल सिंह 'रसिक'
सर्वथा उचित है। आपने सराहनीय कार्य किया है। किसी की रोजी रोटी को बचाना बहुत बड़ा काम है। पर इसके लिए बहुत साहस और कभी कभी त्याग भी जरूरत है।
जवाब देंहटाएंDr.Sanjeev Kumar Singh, Bathinda,Punjab
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