सादर नमन कलम बोलती है मंच
११/०९२०२१ शनिवार
द्विदिवसीय प्रतियोगिता
विषय क्रमांक - ३३३
विषय -- गणेश वंदना
विधा- स्वतंत्र (रोला छंद)
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काटो संकट क्लेश, गजानन गौरीनंदन।
तव चरणों की धूल, भक्त माथे का चंदन।
दूर्वा मोदक भेंट, करूँ देवा अभिनन्दन।
ऋद्धि-सिद्धि के साथ, विराजे गणपति वंदन।।
ऋद्धि-सिद्धि शुभ-लाभ, प्रदाता हे शिव नंदन!
संकट विकट विनाश, करो देवा दुखभंजन।
मंगलमूर्ति स्वरूप, कीजिए गणपति सेवा ।
मनवांछित फल प्राप्त, प्रदाता गणपति देवा।।
मीनाक्षी दीक्षित
भोपाल मध्यप्रदेश
पूर्णतः स्वरचित मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
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