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बुधवार, 22 सितंबर 2021

रचनाकार :- आ. अभिमन्यु सिंह जी 🏆🏅🏆

कलम ✍बोलती है साहित्य समूह को सादर नमन 🙏
साप्ताहिक मुक्तक लेखन आयोजन, 
विद्या:- पत्र लेखन✍
विषय:- पुत्री का पत्र माँ के नाम, 
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माँ को चरण वन्दन, 
            कैसी  हो  तुम  माँ ।
भूली  नहीं  हूँ   मैं ,
          तेरी आंचल की छांव। 

जब जब रोईं थी मैं, 
          तुम गोद में लेकर घूमी। 
बालों को सहला कर,
          गाल पर जड़ी थी चुम्मी। 

सब कुछ याद है माँ, 
           कुछ  भी नहीं मैं  भूली ।
जब मैं सोती बेफिक्र,
            तुम रखतीं आंखें खुली। 

सोते  जागते  हर  पल, 
              तेरी याद बहुत  आती है।
तेरे हांथ की बनी कलेवा,
               सपने  में  भी  भाती  है।

अच्छे से  तुम  रहना  माँ, 
               सेहत पर भी रखना ध्यान। 
समय से अपनी नींद लेना,
               समय से लेना व्यंजन पान। 

जल्द ही आऊंगी मिलने, 
               तब  बातें  करेंगे इत्मीनान। 
बातों  की है  झड़ी लगी ,
               करती हूँ अब कलम विराम।
                                  तुम्हारी पुत्री- पर्यावरण, 
          अभिमन्यु, (औरंगाबाद, बिहार),🙏

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