नमन मंच
कलम बोलती है साहित्य समुह
दैनिक विषय क्रमाँकः 331
आज का विषयः वो लम्हे
विधाः-कविता(मुक्त छंद)
ओ लम्हे
याद है जब हम थक
सो गये माँ गोद में।1
वो लम्हे
भुल नही पाते है
जब छोटे छोटे बातों
हम रूठकर
चुप बैठ जाते थे
और माँ मनाती थी.बाल में
फेर कर
अपनी कोमल उंगलियों से।2
क्यो याद आते है
रह रहकर
दोस्तों.से झगड़ना
मिलना
रूठना मनाना
और एक साथ की हँसी
खुशी और गम।3
आज शायद
यही ऐहसास जीने के
लिए बन गई है प्राण तत्व।
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