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शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

रचनाकार :- आ. अनामिका_वैश्य_आईना जी 🏆🏅🏆

#दैनिक_विषय_क्रमांक_332
9.9.21 /वीर वार
विषय - अन्याय
विधा- लघुकथा

बेटी सयानी हो चली। पिता शादी के लिए परेशान है। आखिर होते भी क्यों न, डॉ. बेटी के मुकाबले कोई लायक वर भी तो नहीं मिल रहा है। इसी बीच बेटी ने अपनी पसंद पिता जी के सामने जाहिर की। पिताजी मिले और बात भी किया लेकिन बेटी पसंद पर पिताजी को कहाँ यक़ीन? बेटी का उसकी पसंद से दूर करने के लिए पिता जी ने तांत्रिक की मदद ली और मन को पलटवा कर उस लड़के से दूर कर दिया। लड़का भी लड़की के साथ ही पढ़ता वो भी सहयोगी डॉ. ही था लेकिन पिता की साजिश से अनजान बेटी के साथ उसके ही पिता ने अन्याय तो किया। अब बेटी तो है लेकिन पहले की तरह खिली हुई नहीं। मुस्कान तो है लेकिन झूठी और दिल टूटा हुआ पीड़ा से बेहाल... लेकिन कोई कर भी क्या सकता था एक बाप ने ही बेटी को पीर दिया है उसके साथ अन्याय करके.. सोचा नहीं था इतने ज्ञानी विज्ञानी चिकित्सा भी ऐसा कुछ कर सकते हैं।

#अनामिका_वैश्य_आईना
#लखनऊ

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