नमन मंच
विषय क्रमांक 333
दिनांक 11/09/2021
गणपति आराधना
प्रथम पूज्य गण देवता , गौरी पुत्र गणेश ।
भव बाधा जग की हरो ,कोविड हुआ कलेश।
किसी की छूटी नौकरी, किसी ने छोड़ी देह ।
किसी ने सब कुछ बेच कर छोड़ा अपना गेह ।
गणपति स्वागत आप का ,आपका मंगल रूप ।
गृह गृह प्रभु बिराजिए , छाया हो या धूप ।
आप ज्ञान के स्त्रोत हैं, बख्शें ऐसा ज्ञान ।
औषधि का निर्माण हो ऐसा , ले वाइरस की जान ।
देश में सुख समृद्धि हो , लोगों में हो प्यार ।
हर जन सुखी हो विश्व का , रोज मने त्यौहार ।
हाथ जोड़कर कर रहा गणपति ! विनती आज ।
चेहरो पर मुस्कान भरी हो , हर घर भरा अनाज ।।
योगेन्द्र अग्निहोत्री
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