शुभ मध्यान्ह
कलम बोलती है
नमन मंच
विषय क्रमांक:365
विषय:आम आदमी
दिनांक: 29/11/21
मैं एक आम आदमी हूँ
हर कोई मुझको सुने
ऐसी कोई बात नही
हर कोई मुझे जाने
ऐसी मेरी फितरत नही।
कर का बोझ उठाता हूँ
महंगाई मार खाता हूँ
संघर्ष करता जाता हूँ
सब कुछ सहता जाता हूँ।
खास की सेवा करता हूँ
खास बातें सुनता हूँ
खास का कर्जदार हूँ
फिर भी आम कहलाता हूँ।
सपने खूब सजाता हूँ
ख्वाहिशें खूब पालता हूँ
दो जून की रोटी कमाने
चक्करघिन्नी बन जाता हूँ।
राशन की लाइन सजाता है
मूंगफली को बादाम समझता
डालडा से तृप्त हो जाता हूँ
कम में भी निभा लेता हूँ।
हर कोई करे मेरी चर्चा
चर्चा का हिस्सा बन जाता हूँ
बातें सुन चुप रह जाता हूँ
लाचार ही रह जाता हूँ।
सियासत का मोहरा हूँ
गेंद से बन जाता हूँ
भुखमरी सहता हूँ
सब्र हमेशा रखता हूँ
सुनो मेरा आव्हान
और नही सहूँगा
अपनी आवाज़ बुलंद करूँगा
अपना हिसाब माँगूंगा।
अंजू भूटानी
नागपुर
अति सुंदर
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