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सोमवार, 29 नवंबर 2021

रचनाकार :- आ संजीव कुमार भटनागर जी 🏆🥇🏆

नमन मंच कलम बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक 366
विषय आम आदमी
विधा कविता
दिनाँक 29/11/2021
दिन सोमवार
संचालक आप औऱ हम

खूबसूरती वो मन में छुपाये
मैल दिखाता कुछ बाहर से,
आम आदमी है ख़ास नहीं
दिल का वो बहुत साफ है|

कीमती खिलौने बच्चे चाहें
पैसों की कमी न रोकें राहें,
बच्चों को वो बहला लेता
टूटे खिलौने से उन्हें हर्षाये|

रिश्तों को निभाना आता है
दूसरों के घर मिठाई ले जाता है,
चेहरे पे खुशी झलकती सदा
चाहें थैला पुराना ले चलता है|

गम में कोसता कभी भाग्य को
दुख में पुकारे कभी भगवान को,
बात बात में रोता हँसता बहुत है
जब देखे अपने बिखरते सपने को|

बेकार हो गयी हैं सारी अटकल
आम आदमी है बेबस औ बेकल,
मन मे लेता है सपनों की उड़ान
परिस्थिति भाग्य का ओड़े आँचल|

रचनाकार का नाम- संजीव कुमार भटनागर
लखनऊ, उ. प्रदेश
मेरी यह रचना मौलिक व स्वरचित है।

1 टिप्पणी:

  1. आदरणीय श्री संजीव सर, आदमी के अंतर्भावों को उजागर करती हुई बहुत सुंदर कविता के लिए आपका आभार। पहली पंक्ति में एक बहुत ही सकारात्मक पहलू को रखा है।
    सादर
    -नवीन

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