#कलम बोलती है साहित्य समूह को सादर नमन 🙏
दिनांक- 30 /11/2021
दिन- मंगलवार
विषय- आदमी
विधा-दोहा
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महंगाई के दौर में,आम आदमी हैरान।
पैसा बचे न जेब में,मंहगाई शैतान।।1
महंगाई बैरन बड़ी,करती खाली जेब।
नेता संसद बैठ के,करते जाल फरेब।।2
भारी अब लाचार है,आम आदमी का वंश।
आम आदमी को ड़स रहा,मंहगाई का दंश।।3
अतिथि का स्वागत भला,महंगा होता एक।
आम आदमी रोने लगा,सुन कड़की की टेक।।4
स्वरचित दोहे/मौलिक
मूरत सिंह यादव
प्राथमिक शिक्षक
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