#कलम बोलती है साहित्य समूह,
दिनांक-३०/११/२०२१
दिन-मंगलवार
विषय-आम आदमी
विधा-कविता
विषय क्रमांक-365
आम आदमी हूं,पर दिल का राजा हूं,
दिल पर राज करता हूं,सबको जोड़े रखता हूं,
अभिमान से कोसों दूर, सबसे मित्रता निभाता हूं ,
प्यार है मुझे पसंद, नफरत को करता हूं दूर ।
आम आदमी हूं मैं, आम आदमी हूं मैं ।
अतिथियों का स्वागत करता हूं,
बड़े बुजुर्गों का सम्मान करता हूं,
संतोष, समाधान है मेरी पूंजी,
बीवी, बच्चों को देता हूं खुशी ।
आम आदमी हूं मैं, आम आदमी हूं मैं ।
आम आदमी हूं, महंगाई से डरता हूं,
महंगाई भी खर्चों में कटौती कर परिवार को खुशियां देता हूं,
सकारात्मकता है मेरा मित्र, हमेशा मुस्कुराता हूं,
संकटो से नहीं डरता मैं, हिम्मत से काम लेता हूं ।
आम आदमी हूं मैं, आम आदमी हूं मैं ।
स्वरचित,मौलिक, अप्रकाशित मेरी रचना ।
ज्योति विपुल जैन
जी धन्यवाद कलम बोलती है साहित्य समूह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर👏
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