विषय- आम आदमी
विधा- स्वैच्छिक
दिनांक- 30/11/2021
दिवस-मंगलवार
सादर अभिवादन 🙏🏻
हाय यह महंगाई,हाय यह महंगाई
खर्चे हैं ज्यादा और आधी है कमाई।
कटौती करें तो करें कहां भाई
महंगा हो रहा जीवन यापन,
महंगी होती जा रही
बच्चों की पढ़ाई।
उच्च निम्न आज हर कोई
झेल रहा महंगाई की मार,
महंगाई बढ़ती ही जा रही
होकर घोड़े पर सवार।
महंगाई की मार से
हर कोई है हारा,
लेकिन सबसे ज्यादा पिस रहा
आम आदमी बेचारा।
कोई तो हो जो
करे कुछ उपाय,
आजकल कोई मुद्दा नहीं
महंगाई के सिवाय।
अल्का मीणा
नई दिल्ली
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