विषय क्रमाँकः-365
दिनाँकः-29-11-21
विषयः-आम आदमी
विधाः-कविता
जिंदगी
आम आदमी की क्या होता है
जान नही पायेगा हर इंसान।1
दर्द नही
समझ क्या पायेगा ओ महलों
के वाशिंदे।2
जिनके
हिस्से की चिलचिलाती धुप
कड़कड़ाती सर्दी।2
सब कुछ
सहते.है पथरीली सड़क में
तपते मरूस्थल में।3
क्योकि
वह होता है इस दुनिया का
एक अदद आदमी।3,
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