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सोमवार, 29 नवंबर 2021

रचनाकार :- आ. शम्भू सिंह रघुवंशी अजेय जी 🏆🥇🏆

कलम बोलती है
 विषय क्रमांक -365
29/11/2021/सोमवार
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*आम आदमी*
काव्य
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हर आदमी नहीं होता आम आदमी
कुछ होते हैं विशेष
उनके अपने खास आदमी
जिन्हें मिलते रहते हैं उपहार घर परिवार 
द्वार पर आकर।
देखिए आप
घर आंगन में मिले नंगा नृत्य करने का अधिकार
यही तो हैं हमारे अपने।
आम आदमी रोता रहता कोई श्रोता बनकर रहता
कहीं अपना पड़ोसी
हमारा सिर हाथ पैर तोडता अपने ही देश में
ऐसा आम आदमी के साथ होता रहता।
मौत का तांडव होता यही है हमारे देश के हालात
बनाए सभी विशेष वर्ग के
लोगों को कुछ महान नेताओं ने दिए
मुफ्त उपहार उपलब्ध कराएं विदेशी मेहमानों को बसाए हमारे आम आदमी के अधिकार बिसराए।
हमें अपनी अपनी औकात बताए।
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    शंभू सिंह रघुवंशी अजेय
   गुना म प्र
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*आम आदमी*
काव्य

29/11/2021/सोमवार

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