कलम बोलती है साहित्य समूह
दिनांक-30-11-2021
विषय आम आदमी
विधा कविता
हम सब आम आदमी है।
जिंदगी भर बोझ उठाते हैं।
कभी किसी को नहीं सताते हैं।
सदा लक्ष्य प्राप्ति करते हैं।
सेवा धर्म कर्म पर विश्वास करते हैं।
सत्संग में बढ़ते रहते हैं।
सबका कल्याण करने हेतु ही।
अनंत दुख खुशी से सहते हैं।
स्वयं को कष्ट पहुंचा कर।
परिवार के लिए जीते हैं।
मेहनत हक का खाते हैं।
नहीं किसी से छीनते हैं।।
यदि जीवन में दुखा जाए।
यही भाग में ,,खुशी से झेलते हैं।
एक दूजे के दुख में आम आदमी।
परिस्थिति को समझे,रोता है।
रिश्ते नाते को सदा निभाते हैं।
मान सम्मान को करते कराते हैं।
सपनों की मंजिल पाते हैं।
भेदभाव कभी भी नही करते हैं।
स्वरचित मौलिक तथा अप्रकाशित
संगीता चमोली देहरादून उत्तराखंड
बहुत सुन्दर👏
जवाब देंहटाएंAti sunder
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएं