कलम बोलती है साहित्य समूह
विषय आम आदमी
30 नवम्बर
क्रमांक 365
आम आदमी
एक चौराहे पर आम आदमी बैठे बतिया रहे थे, पहले घर, बडी कार, महंगे ब्रांडेड कपडे और सोना नही खरीद पाता था तो क्या हुआ ? हम लोग सब्ज़ी तो झोले भर भरकर लाते थे, पर अभी कई दिनों से टमाटर खरीदना भी दुर्लभ हो रहा।
स्वरचित
भगवती सक्सेना गौड़
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