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सोमवार, 16 जनवरी 2023

रचनाकार का नाम- आ. संजीव कुमार भटनागर, शीर्षक :-संगम


#कलम बोलती है साहित्य समूह
#आयोजन संख्या 538
#विषय संगम
दिनांक  16/01/2023
#विधा  कविता

अक्षरों का संगम जब होता
नव गीत कोई बन जाता है,
सुरों के संगम की सरगम से
मधुर संगीत मन लुभाता है|

गंगा जमुना धारा का संगम
होता तब महान पर्व उद्गम,
लघु भारत का एहसास होता
कुंभ में होता जनता का संगम|

अरुणोदय में सूर्य चंद्र का संगम
तिमिर से ज्यों प्राची किरण मिलन,
अद्भुत होता यह दृश्य विहंगम
प्रकृति का खेल है सुंदर मनोरम|

माटी बरखा बीज का संगम
पल्लवित हो जाता नव जीवन,
कुछ संगम हैं अनोखे अद्भुत
क्षितिज पे धरा अंबर का मिलन|

नए आविष्कार जन्म लेते हैं
होता ख़ोज कल्पना का संगम,
अकल्पनीय कार्य कर जाओगे
करा हौंसलें उम्मीद का संगम|

रचनाकार का नाम- संजीव कुमार भटनागर
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मेरी यह रचना मौलिक व स्वरचित है

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