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गुरुवार, 19 जनवरी 2023

रचनाकार :- आ. गीता परिहार जी, शीर्षक :- धूप


#कलम ✍🏻 बोलती है साहित्य समूह 
#विषय_क्रमांक_539
 #विषय   #धूप 
#विधा  #पद्य
#दिनांक ...18 जनवरी 2023

निकल पड़े तपती धूप में जब
 क्या खबर थी पैर में छाले पड़ेंगे
गोद में बच्चा और सर पर गृहस्थी
वीरान सड़क , देखते ही देखते भीड़ बन गए।

अच्छी कमाई का लालच न होता
खेती ने गर साथ दिया होता 
मुनिया,सोनू को पीछे छोड़ा न होता
लॉकडाउन क्या बला है, मालूम होता।

रातें बीतीं,बिन खाये,
गांव पहुंचे तो जीया जुड़ाए।
पहुंचे किस विधि ?चल पड़े पैदल
धर्मात्माओं की बस्ती में बंटते लंगर।

अभिमान गया , सम्मान कहां
अन्नदाता कहलाने वाले
दया-दृष्टि पर दाताओं 
कीमत जानी विधाता की।

गीता परिहार
अयोध्या कैन्ट

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