#कलम ✍🏻 बोलती है साहित्य समूह
#विषय_क्रमांक_539
#विषय #धूप
#विधा #पद्य
#दिनांक ...18 जनवरी 2023
निकल पड़े तपती धूप में जब
क्या खबर थी पैर में छाले पड़ेंगे
गोद में बच्चा और सर पर गृहस्थी
वीरान सड़क , देखते ही देखते भीड़ बन गए।
अच्छी कमाई का लालच न होता
खेती ने गर साथ दिया होता
मुनिया,सोनू को पीछे छोड़ा न होता
लॉकडाउन क्या बला है, मालूम होता।
रातें बीतीं,बिन खाये,
गांव पहुंचे तो जीया जुड़ाए।
पहुंचे किस विधि ?चल पड़े पैदल
धर्मात्माओं की बस्ती में बंटते लंगर।
अभिमान गया , सम्मान कहां
अन्नदाता कहलाने वाले
दया-दृष्टि पर दाताओं
कीमत जानी विधाता की।
गीता परिहार
अयोध्या कैन्ट
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