# कलम बोलती है साहित्य समूह
#मंच को नमन
# दो दिवसीय आयोजन
# विषय युगपुरुष
#शीर्षक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस
#विधा कविता
#दिनांक 24 जनवरी 2023
#दिन मंगलवार
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आजादी का बिगुल बजाया, फिरंगी जिनसे थर्राया।
शहर कटक,उड़ीसा में जन्मा,शेरे हिन्दुस्तान कहाया।
आई ए एस की नौकरी को,जिसने है ठुकराया।
आजादी का विगुल फूंक ,अपना ध्वज लहराया।
उठा शेर बंगाल से था पर, शेरे हिंदुस्तान कहाए।
आजाद हिंद फौज के नायक,नेता जी सुभाष कहाए।
सत्यमेव जयते का वह सच्चा, सेना नायक था।
अहिंसा का न हो सका पुजारी,असली सेना नायक था।
कांग्रेस अध्यक्ष चुने थे मगर, खून क्रांतिकारी था।
नहीं विचार मिले गांधी से, मगर लक्ष्य एक ही था ।
छोड़ दी कांग्रेस पार्टी ,आजाद हिंद फौज बना डाली।
शेखर भगत बिस्मिल,अशफाक की राह पकड़ डाली।
पैंसठ हजार सेना के बूते,अंग्रेजी सेना भी थर्राई।
जमीन खिसक गई पैरों से, थर-थर हांफी आई।
उम्र मात्र 48 की थी, हवाई दुर्घटना में प्राण गवाएं।
क्रांतिकारी अग्रदूत नेता,सुभाष बोस दुनिया को भाए।
नेताजी सुभाष बोस कहलाए,विश्व में नाम कमाए। पराक्रम दिवस घोषित हुआ,सच्ची श्रृद्धांजलि पाए।
आजादी के अमृत महोत्सव पर, शहीदों को नमन करें। शहीदों का स्वप्न साकार करें, अखंड भारत देश करें।
आजाद हिंद फौज के नायक का, हम करते सम्मान। लहर लहर लहराए तिरंगा, ध्वज भारत की शान।
स्वरचित अप्रकाशित मौलिक रचना ।
नृपेन्द्र कुमार चतुर्वेदी, एडवोकेट।
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
मैं निर्णायक मंडल का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरी रचना को इस योग्य समझा और ब्लॉग पर प्रस्तुत कर मुझे श्रेष्ठ रचनाकार के रूप में सम्मानित किया पुनः हार्दिक आभार
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