# नमन मंच
# कलम बोलती है
# विषय - संगम
# दो दिवसीय आयोजन
# दिनांक - १६/०१/२०२३
# दिन - सोमवार
# विधा - काव्य
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गंगा यमुना सरस्वती का संगम ,
बनाता सुंदर तीरथ प्रयागराज ।
जहां संगम वहीं अमृत भी बरसे,
कुम्भ नहाने आते हैं सकल समाज ।।
जब अक्षरों का होता है संगम ,
होता सुंदर शब्दों का निर्माण ।
शब्दों शब्दों के संगम को कहते,
भावपूर्ण सुंदर वाक्य सकल जहान ।।
सुंदर सुंदर वाक्यों के संगम से,
बनते जाते कविता और कहानी ।
किताबों में लिखते जाते हैं हम,
कविता कहानी नई और पुरानी ।।
जब दो दिलों का होता है संगम,
रिश्तों में बंधते हैं जीवन हमारा ।
दोनों मिलकर सुख दुख में हमेशा,
ये मानव जीवन सबने संवारा ।।
कागज़ कलम का होता जब संगम,
लिखते हम इतिहास गणित भूगोल ।
तब ये दुनियां वाले जान सके हैं,
अपनी धुरी पर घूमती धरती गोल ।।
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स्वरचित एवं अप्रकाशित
उमेश प्रसाद सिंह
बोकारो, झारखंड
आदरणीय श्री सुंदर भावपूर्ण काव्य सृजन प्रस्तुति।🌺👏🌺
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